कर्तव्य पथ
आज दिनांक ८.५.२४ को प्रदत्त स्वैच्छिक विषय पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति
कर्तव्य पथ :
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हर उम्र मे बालक के कर्तव्य अलग हो जाते हैं,
मगर हर उम्र मे मानवता के कर्तव्य वही ही रहते हैं।
बालक का प्रथम कर्तव्य है पढ़ाई पर ध्यान सदा रखना,
स्वस्थ रहने की ख़ातिर दौड़-भाग खेल मे हिस्सा लेना ।
कुछ मानवीय कृत्य हैं जिन पर भी तो देना ध्यान जरूरी है
मात-पिता की,गुरूजनो की माननी बात जरूरी है।
मानव हैं तो मानवता का सम्मान सदा करना होगा ,
दीन-दुखी के प्रति हर मानव को सेवा भाव रखना होगा ।
प्रभु ने बनाया है मानव को प्रभु का हम सम्मान करें,
मानवता की राह बताई प्रभू न उसी राह पर बढ़े चलें ।
दुख-सुख आते ही रहते हैं उनसे न विचलित होना है
परीक्षा है यह मानव-प्रकृति की मानव-धर्म न खोना है।
आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़
Mohammed urooj khan
10-May-2024 01:16 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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kashish
10-May-2024 07:17 AM
V nice
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